Thursday, November 11, 2010

दैनिक भास्कर के सम्पादकीय का पठनीयता अध्ययन

बदलते परिदृश्य में समाचारपत्रों की भाषा और साज-सज्जा से लेकर लोगों की रूचि तक बहुत से ऐसे तत्व है जिन्होंने समाचारपत्रों की पाठक संख्या को प्रभावित किया है। इसमें पठनीयता एक बडा कारण है जो किसी भी समाचार पत्र की पाठक व प्रसार संख्या को प्रभावित करने का कार्य करती है। पत्रकारिता के शोधकर्ताओं ने विश्लेषण कर पाया कि पठनीयता समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और किसी भी मुद्रित सामग्री के लिए आवश्यक पहलू है। ंमूल रूप से पठनीयता से तात्पर्य पठन योग्य सामग्री से है। गेटवेप्रैस के अनुसार पठनीयता वह ईकाई है जिसके आधार पर  विषयवस्तु को इस तरह से लिखा जाता है कि उसे आसनी से पढ़ा जा सके। किसी भी मुद्रित सामग्री की पठनीयता कई तत्वों से प्रभावित होती है ये केवल अक्षरों के साईज, काले व सफेद स्थान के अनुपात, शब्दों के बीच स्थान तक ही सीमित नहीं है। बेनटेंट(1972) के अनुसार पठनीयता मुद्रित सामग्री और पाठक वर्ग की समझ स्तर का सही तारतम्यता बैठने की कड़ी है। इस कार्य की सफलता का माप पाठक की विषय वस्तु की समझ पर निर्भर करता है।
 जनसंचार के विद्वान डोमनिक व रोजर्स केे अनुसार पठनीयता उन सभी तत्वों को योग और क्रियात्मकता है जो कि किसी मुद्रित सामग्री के अंश के पढे जाने की सफलता पर प्रभाव डालंे। सफलता के मापक पाठकों द्वारा उस पठन सामग्री को समझने और पढ़ने पर निर्भर करते हैं।अतः उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर पठनीयता कि पाठकों के विवरण ;आयुवर्ग, समझ के स्तर, पारिस्थितिक अनुभवद्ध के आधार पर पठनीय सामग्री को आसान इकाई में प्रस्तुत करना। दूसरा, मुद्रित सामग्री, कम से कम किसी एक निश्चित पाठक वर्ग के लिए पठनीय हो। तीसरा, विषय-वस्तु की पठनीयता की सफलता इस बात पर निर्भर करें कि उस  विषय-वस्तु का निश्चित पाठक वर्ग उक्त सामग्री को कितना समझ पाया है। विषयवस्तु के तत्वों का मापन पठनीयता सूत्रों द्वारा किया जाता । इन सूत्रों में प्रमुख मुख्य फ्लेश फार्मूला, फॉग इन्डैक्स, द क्लोजे  मैथड ,एडवर्ड फ्राई शामिल है। लेकिन ये सभी फार्मूले अंग्रेजी विषयवस्तु की पठनीयता मापन के हैं। प्रस्तुत शोध के लिए अंग्रेजी के फॉग इन्डैक्स को आधार मान कर हिन्दी की विषय वस्तु मापन के लिए सूत्र तैयार किया गया है।

  साहित्य अवलोकन

तहीरे-ए-रजे(1969-70) द्वारा एक अमेरिकन समाचार पत्र के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के संस्करणोें का पठनीयता अध्ययन किया गया। निष्कर्ष में उन्होंने पाया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की खबरों की पठनीयता में काफी अंतर था जबकि सम्पादकीय लेखों की पठनीयता एक जैसी थी। अतः ग्रामीण क्षेत्र के पाठकों के लिए समाचारपत्र पढने में अपेक्षाकृत अधिक कठिन थे। स्टेमलपल गियडा (1981)  ने ईरीच के अर्न्तगत  6 दैनिक समाचार पत्रोें के 21 विषयवस्तुओं का फलैश फार्मूला द्वारा पठनीयता अध्ययन किया जिसमें पाया कि अर्न्तराष्टीय खबरें पढने में कठिन थी। जबकि महिला संबंधी खबरें पढने में अपेक्षाकृत आसान थी। फरवरी 1995 में एनसीआरटी द्वारा अध्ययन किया गया जिसका उददेश्य प्राइमरी स्तर की पाठ्य पुस्तकों की पठनीयता का मूल्यांकन करना था, निष्कर्ष में पाया गया कि प्राइमरी स्तर की पुस्तकों की पठनीयता बिल्कुल उचित थी। 2005 में ईरीच के साथ मिलकर कई सारे अनुसंधान कर्ताओं ने पठनीयता संबंधी अध्ययन किए हैं। इस अध्ययन को आई आई लार्ज (1939), जीडी स्पेच (1953), डबल्यू बीईली (1969), जेआर बुरमूथ (1966) और हरीश जेकोबसन (1975 )ने इस विषय में 7 शोध अध्ययन किए हैं। (1953)में डबल्यू एल टेलर द्वारा पठनीयता के मापदंडो का एक व्यवहारिक रुप से आंकलन किया गया। इन शोधों के द्वारा पठनीयता के संबंध में इन प्रश्नों के उतर जानने की कोशिश की गईः- पठनीयता क्या है और इसे कैसे मापा जाए? पठनीयता पर शोध कार्य कितना सही है? इसकी सीमाएं क्या है?  योलेय (1975) ने ईबादन के सीनियर सैकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा पढी जाने वाली पुस्तकों का अध्ययन किया और पाया कि उनका पठनीयता स्तर बहुत कम था। विद्यार्थी उन्हें भली प्रकार समझने में असमर्थ थे। बुरगून और विकिनसन ;2001 द्धने एक शोध अध्ययन किया जिसमें पाया कि समाचार पत्रों को अपनी प्रसार संख्या बढाने के लिए सही पठनीयता स्तर की आवश्यकता होती है। क्योंकि बडे वाक्य और कठिन शब्द विषयवस्तु को पढनें में बाधक होते है।

शोध उद्देश्य

1. दैनिक भास्कर के संपादकीय के पठनीयता ग्रेड का पता लगाना।
2. संपादकीय में प्रयुक्त औसतन शब्द संख्या, वाक्य की औसतन लंबाई, वाक्य में प्रयुक्त औसतन शब्द संख्या व औसतन कठिन शब्द संख्या का पता लगााना।

शोध विधि

प्रस्तुत शोध अध्ययन अंर्तवस्तु विश्लेषण के अंतर्गत पठनीयता सूत्र के आधार पर किया गया है। यह अन्वेषणात्मक अध्ययन है । इसके मापन सूत्र में सुधार की गुंजाइश हो सकती है।
इस शोध अध्ययन के अंर्तगत दैनिक भास्कर के अगस्त माह के संपादकीय पृष्ठ की पठनीतया का पता लगाया गया है। प्रस्तुत शोध में पठनीयता के इन तत्वों पर कार्य किया गया है- सपंादकीय की कुल शब्द संख्या, औसतन कुल वाक्य की संख्या,  वाक्य की औसतन शब्द संख्या, कठिन शब्द संख्या, वाक्य में औसतन कठिन शब्द संख्या, पठनीयता स्तर।
पठनीयता जांचने का तरीका
अंग्रेजी भाषा में पठनीयता जांचने के कई फार्मूले हैं, परंतु हिंदी के लिए कोई भी नहीं है। प्रस्तुत शोध अध्ययन हिंदी में है। इसलिए अंग्रेजी थ्वह पदकमग की तर्ज पर ये सूत्र हिंदी भाषा के लिए तैयार किया गया है।

कुल शब्द संख्या  = x
कुल वाक्य      = Y
वाक्य में औसतन शब्द संख्या =X/Y   (कुल शब्द संख्या /ध्कुल वाक्य) 
कुल कठिन शब्द =Z               (कुल कठिन शब्द /ध्कुल वाक्य)
औसतन कठिन शब्द=Z/Y
पठनीयता ग्रेड X/Y+Z/Y=R

1.यदि R 0 व 10 के बीच आता है तो विषय वस्तु पढ़ने में अति आसान है। यानि कि 0<R<10 है तो पठनीयता ग्रेड-1 स्तर की है और यह किसी भी साक्षर व्यक्ति द्वारा आसानी से पढ़ी जा सकती है।

2. यदि R 10 व 15 के बीच में आता है तो विषय वस्तु पढ़ने में आसान है। यानि कि 10<R<5 है तो पठनीयता ग्रेड-2 स्तर की है और यह बच्चों व टीनएजर्स के लिए अधिक पठनीय है।

3.यदि R 15 व 20 के बीच आता है तो विषय वस्तु पढ़ने में सामान्य है। यानि कि 15<R<20है तो पठनीयता ग्रेड-3 स्तर की है और यह उच्च शिक्षित लोगों के लिए सबसे अधिक पठनीय है।

4.यदि R 20 से 25 के बीच आता है तो विषय वस्तु पढ़ने में कठिन है। यानि कि 20<R<25है तो पठनीयता ग्रेड4 स्तर की है। और यह बुद्धिजीवी वर्ग के लिए सर्वाधिक पठनीय है।

5.यदि R 25 व 30 के बीच आता है तो विषय वस्तु पढ़ने में अति कठिन है तो पठनीयता ग्रेड-5 स्तर की है। और यह अति विद्वान वर्ग के लिए उपयुक्त  है।

6.यदि R 30 से उपर है तो विषय वस्तु पढ़ने में अत्यंत दुरूह है जो समझ से परे है।


 कठिन शब्दों का चयन

कठिन शब्दों का चयन एक कठिन कार्य है। कठिन शब्दों के विषय में हिंदी के कई विद्वानों से बात की गई। विद्वानों द्वारा दी गई बातचीत के आधार पर प्रस्तुत शोध में कठिन शब्दों का चयन तीन प्रकार से किया गया है।
1 जो शब्द देा यो दो अधिक वर्ण से बने हैं।
2 जो शब्द अचानक से देखने पर आम बोलचाल की भाषा का न लगे।
3 जो बहुप्रचलित न हों।

 आंकडों का विश्लेषण

    क्र0     दिनांक      कुलशब्द     कुल        वाक्य में     कठिन     वाक्य में       पठनीयता ग्रेड                           GRADE
                                संख्या      वाक्य    औसतन         शब्द      औसतन
                                                संख्या   शब्द संख्या   संख्या    कठिनशब्द  
                                                                                                     संख्या                                                                                                                                                                                                                                            

                                                                                                             



1     1 अगस्त   425         15      28.3 14   0.9          28.3+0.9=29.2              GRADE 5
2 2      ’’     438         16     27.3 11       0.7          27.3+0.7=28                  GRADE 5
3      4       ’’    446         16     27.9 18       1.1           27.9+1.1=29                 GRADE 5
4 5   ’’        414         21    19.7 19       0.9          19.7+0.9=20.7               GRADE 4
5      6   ’’        421         18  23.4 09      0.5          23.4+0.5=23.9                GRADE 4
6 7   ’’        428         15  28.5 14      1.1          28.5+1.1=29.6                GRADE 5
7 8  ’’         440         19    23.2 09       0.4         23.2+0.4=23.6                 GRADE 4
8 9  ’’         398         18    22.1 08       0.4         22.1+0.5=23.4                  GRADE 4
9 11  ’’        389         17 22.9         08      0.5          22.9+0.1=23                     GRADE 4
10   12  ’’        408         20 20.4         07      0.4          20.4+0.5=21.2                   GRADE 4
11   13  ’’        493         18 22.4          17      0.9          22.4+0.9=23.                    GRADE 4
12 14  ’’        414         20 20.7          10      0.5          20.7+0.5=21.2                  GRADE 4
13 18   ’’       489         24 20.4          25      1.1          20.4+1.1=21.5                 GRADE 4
14 19  ’’        466         21 22.2  16       0.7          22.2+0.7=22.9                  GRADE 4
15 20 ’’         469         17 27.7         16       0.9          27.6+0.9=8.5                    GRADE 5
16 21 ’’         448         20 22.4          8         0.4          22.4+0.4=22.8                  GRADE 4
17 22 ’’         452         16 28.2         13        0.8          28.2+0.8=29                     GRADE 5
18 23  ’’        412         17 25.7          6         0.3          24.2+0.3=24.5                  GRADE 4
19 25 ’’        423         18 24.2         15       0.8          23.8+0.8=24.6              GRADE 4
20   26 ’’        432         16 27            13        0.8          27+0.8=27.8                    GRADE 5
21 27 ’’        412         16 25.7        19        0.8          25.7+0.8=27.8                  GRADE 5
22 28 ’’       415          21 19.8        21        1.0         19.8+1=20.8                       GRADE 4
23 29   ’’     384         16 24          13       0.8          24+0.8=24.8                      GRADE 4
24 30  ’’  386         14 27.5       13        0.9          27.5+0.9=28.4                  GRADE 5

प्रस्तुत सारणी  दैनिक भास्कर के सम्पादकीय लेखों (अगस्त माह) की पठनीयता के अध्ययन बताता है। सारणी में 3, 10, 16, 17, 24 तारीख के सम्पादकीय पृष्ठ नहीं आता व 15 अगस्त की छुट्टी होने के कारण 16 तारीख को सम्पादकीय पृष्ठ नहीं आया।

सारणी में प्रस्तुत तत्वों का विश्लेषण इस प्रकार हैंः-

1. कुल शब्द संख्याः- प्रस्तुत सारणी में अगस्त माह के प्रत्येक दिन के सम्पादकीय लेखों में प्रयुक्त शब्दों को गिना गया। पूरे महीने की औसत शब्द संख्या 429.2 प्राप्त हुई। चुंकि शब्दों की संख्या सदैव एक पूर्ण संख्या रूप में ली जाती है। इसीलिए 492 माना गया है।
2. कुल वाक्यों की संख्याः- भास्कर के सम्पादकीय लेखों के वाक्यों को गिना गया व उसका औसतन निकाला गया तो यह 17.8 प्राप्त हुआ। लेकिन वाक्यों को हम दशमलव में नहीं ले सकते इसीलिए कुल वाक्यों का औसतन 18 लिया गया है।
3. वाक्य में औसतन शब्द संख्याः- औसतन लम्बाई के लिए सम्पादकीयों की औसतन शब्द संख्या का आंकलन किया गया। कुल शब्द संख्या को वाक्य संख्या से विभाजित किया गया। वाक्य की औसतन लम्बाई 24.2 है। जिसे 24 लिया गया है।
4. कठिन शब्द संख्याः- उपरोक्त सारणी में कठिन शब्द तीन प्रकार से लिये गये हैं। एक तो वे जो बहुप्रचलित न हो, जो अचानक से देखने पर आम बोलचाल की भाषा का न लगे। तीसरे जो शब्द दो या दो से अधिक वर्ण से मिलकर बने हैं। भास्कर के प्र्रत्येक सम्पादकीय में औसतन 13 शब्द तो मुश्किल होते ही हैं।
5. वाक्य में औसतन कठिन शब्द संख्याः- वाक्य की औसतन कठिन शब्द संख्या, कठिन शब्द संख्या को कुल वाक्यों की संख्या से विभाजित करके निकाली गई है। जो 0.6 प्राप्त हुई है। चुंकि हम शब्द को दशमलव में नहीं ले सकते, इसलिए इसे पूर्ण एक संख्या अर्थात् जो इससे बड़ी है, मान लेते हैं। लेकिन हमारे औसतन वाक्य संख्या 18 व कठिन शब्द संख्या 13 है।
6. पठनीयता स्तरः- प्रस्तुत सारणी मंे पठनीयता का सूत्र X/Y+Z/Y=R  का प्रयोग किया गया है। इसके अनुसार पठनीयता स्तर का ग्रेड-4 व 5 है। ज्यादातर पठनीयता का ग्रेड-4 मापा गया है। ग्रेड-4 स्तर की विषयवस्तु को बुद्धिजीवी वर्ग सबसे अधिक समझ सकते हैं। यह आम जन के लिए कठिन है।

कठिन शब्द सूची

1 अगस्त- गंतव्य, द्विपक्षीय, लेखा-जोखा, अंगीकार, उल्लासित, असियान, दक्षेस प्रंासगिकता, खाद्य, वरीयता, धर्मनिरपेक्ष, सैद्धांतिक, सर्वानुमति, आयतशुल्क, सचिवालय, आंतरिक।


2 अगस्त -प्रतिबद्धता, वैचारिक, अनवरत, संघर्षशील, पुरोधा, अंतर्विरोधों स्वीकार्यता, हरफनमौला, संजीदा, विसंगतियों, अतिश्योक्ति, निष्ठा, व्यवहारिक धरातल, फक्कड़।


4 अगस्त -भुक्तभोगी, जेहादियों, ताल्लुक, प्रकारांतर, भस्मासुर, निर्वादित गिरफ्त, बिदकने, सार्थकता, अक्षम, हिफाजत, दोषारोपण, आश्वासन, व्यधि, हिफाजत।


5 अगस्त- आगजनी, अराजकता, जनाक्रोश, सत्तारूढ़ प्रतिपक्ष, विलंबित मशविरा, संजीदगी, रणनीतिक, आववान, लोगतांत्रिक, स्वीकार्य, मौद्रिक।


6 अगस्त- मोहताज, विडम्बना विशेषाधिकार, मकसद, प्रतिस्पर्द्धा, धुंधलका, आशाभरी, त्वरित, बहुसंख्यक, सम्यक, सिलसिलेवार,,नरसंहार,,मदरसा, प्रतिकार, क्षणभंगुर, कटुता, मौद्रिक।


7 अगस्त -दरअसल, भेदभावपूर्ण, आत्मघाती, उत्सुकतापूर्वक, झंडाबरदार, भुक्तभोगी, औचित्य, साम्प्रदायिकरण, राजनीतिकरण, नाकेबंदी, अदूरदर्शिता, सर्वसम्मत, दृष्टिकोण, प्रतिनिधित्व, अस्मिता।


8 अगस्त- आगाज, वैमनस्य, कायाकल्प, सम्प
दायवाद, कटुता, प्रतीकात्मकता, महाशक्ति, स्वीकार्य, श्रेष्ठता, संदर्भ प्रतिमान, आयोजन।


9 अगस्त -मुद्रास्फीति, मौद्रिक, अर्थशास्त्रियों, अर्थव्यवस्था, सलाहकार, तरलता, स्त्रोत, खरीफ, इजाफा।


11 अगस्त-हमदर्दों, पीपुल्स, जिम्मेदार, मुखर, विरूद्ध, तेवरों, अंतर्गत, महाभियोग, सिलसिलेवार, अलिखित, घोषणा।


12 अगस्त-अद्वितीय, आत्मविश्वास, राष्ट्रमण्डल, बहिष्कार, सिलसिला, दावेदार, सकारात्मक, सन्धिय, उपलब्धि।


13 अगस्त-आश्चर्यजनक, विज्ञापनदाता, संस्करणों, खुशकिस्मती, अग्रसर, यथोचित, प्रतियों, श्रंृेखला, तमाम, तब्दील, अस्थिरता, जजबे, जुनून।


14 अगस्त-राजधर्म, इच्छाशक्ति, सर्वोच्च, बहाल, अलगाववादी, अवाम, सर्वदलीय, मसले, प्राथमिकता, सुरक्षाकर्मियों, लफ्जों, गतिरोध, उपजे।


18 अगस्त-प्रबंधन, अक्षम सिद्ध, प्राकृतिककृत्य, आपाद, सत्तातंत्र तयशुदा, रसद, जीवनरक्षक तटबंध, बृद्धजन, गिरदावरी, कुप्रबंधनों, आपदाग्रस्त, कवायदें जलस्तर, मुस्तैदी, बाढ़ग्रस्त, हस संभव, बचावकार्य,
परम्परागत, बेमतलब, दरअसल, सुव्यवस्थित, अक्षम, संवेदनशील।


19 अगस्त-तानाशाह, इबारत, अंतराष्ट्रीय कट्टरपंथी, तख्तापलट, जद्दोजहद, महाभियोग, बागडोर, लोकतांत्रिक, स्वेच्छा, अभूतपूर्व, सुनिश्चित, महत्त्वकांक्षी, विकट परिस्थितियों, मुमकिन, नजाकत।


20 अगस्त-आवंटन, मुगालतें, राष्ट्रहित, अलगाववादी, सौराष्ट्र, आवाजाही, मनोबल, असहज, दरकिनार, लौहपुरूष, विलय, सुरक्षाबल, कुव्वत।


21 अगस्त-एवज,प्रशिक्षण,दार्शनिक,कांस्य,संभावित, करीबन, परिस्थितियों, सर्वोच्चता।


22 अगस्त-घटनाक्रम, परिपेक्ष्य, कट्टरपंथी, बर्खास्त, मोहलत, सैद्धांतिक, एकजुटता, कार्यवाहक, बहाली, गठबंधन, जनाक्रोश, अनवस्त।


23 अगस्त-संग्रहण, रकबा, संभावना, अलबत्ता, इजाफे, खाद्यान्न, अत्पादन, आंकलन, जोखिम, खाद्यनिगम, खुलासा, संभावना।


25 अगस्त-संरक्षण, स्मृतियों, कीर्तिमान, फर्राटा, मेजबान, प्रशंसनीय, प्रेरणास्पद, पदोन्नति, संरक्षण, प्राधिकरण, वितरण, अनुवपस्थिति, राष्ट्रमण्डलीय, जज्बे, जूनून, घोषणा, आगामी, महोत्सव, प्रतिभाशाली।


26 अगस्त-औद्योगिकरण, उदारीकरण, अपराधीकरण, तृणमूल, परोकार, दरअसल, प्रतीक, वाममोर्चा, सत्तासीन, विश्लेषकों, औद्योगिकरण, रसूख, निवेश, काश्तकारों, माहौल, समाजवाद।


27 अगस्त-निवेश, हृदय-विदारक, उपद्रवियों, पुनरावृति, चितांजनक, कार्यकर्ता, सामाजिक, धार्मिक, गतिविधियां, साम्प्रदायिक, औद्योगिकरण, संयंत्र, उन्माद, संस्थान, उन्मादियों, कथित, मंसूबों, आक्रोशित,
धर्मनिरपेक्ष।


28 अगस्त-उल्लंघन, अकारण, मुस्तैद, तैनाती, सरगर्मी, आंतरिक, नापाक, प्रविष्ट, मद्देनजर, मशक्कत, दृष्टिगत, तनाव, प्रावधान, बयानबाजी, युद्धविराम, प्रतिरक्षा, क्षोभ, अभिव्यक्ति, वैकल्पिक, प्रावधानों, मुहैय, तेवर, कूटनीतिक, बेबाकी।


29 अगस्त-संयोग, जमावड़ा, औपचारिक, आलम, बंदराबांअ, विचारणीय, विडम्बना, विकरालता, शामत, त्रासदी, विकरालता, अपेक्षित।


30 अगस्त-विशिष्ट, आरक्षण, वर्चस्व, परिदृश्य, वैश्विक, सशक्तीकरण, अतिश्योक्ति, पारम्परिक, सकारात्मक।
 निष्कर्ष

प्रस्तुत शोध से प्राप्त मुख्य बिंदु इस प्रकार हैंः-
 1.   दैनिक भास्कर के अगस्त माह के संपादकीय में वाक्य की औसतन लंबाई 24 शब्द प्रति वाक्य है। जोकि सामान्य से काफी बड़ी हो जाती है।

 2.   भास्कर के संपादकीय पृष्ठ के अगस्त माह के सपंादकीयों का पठनीयता अध्ययन किया गया। जिसमें  पाया कि संपादकीय की पठनीयता ग्रेड-4 व ग्रेड-5 स्तर की है। जो बुद्धिजीवी व विद्वान वर्ग के लिए सर्वाधिक पठनीय है। जिसे पढ़ने में आमजन को कठिनाई आती है।

 3.  संपादकीय की औसतन शब्द संख्या 430, औसतन वाक्य संख्या 18, वाक्य में औसतन शब्द संख्या 24, औसतन कठिन शब्द संख्या 13, वाक्य में औसत कठिन शब्द 3 वाक्यों पर दो हैं।

अतः संपादकीय लेखों के पठनीयता अध्ययन के अनुसार निष्कर्ष निकल कर आए हैं। संपादकीय के लेखों के वाक्य की लंबाई 24 शब्द प्रति वाक्य हैं जोकि सामान्य से बहुत अधिक है। जिसके कारण संपादकीय पढ़ने में आम व्यक्ति को कठिनाई होती है।


संदर्भ ग्रंथ सूची

1. श्री वास्तव, डी एन, अनुसंधान विधियां, साहित्य प्रकाशन, आगरा।

2. डोमनिक रोजर्स, 2006,मास मीडिया रिसर्च, थामसन वर्डसवर्थ पब्लिशर्स।

3. जैन ,डॉ बीएम, रिसर्च मैथ्डोलोजी रिसर्च पब्लिकेशन, जयपुर

4. कोठारी ,सी आर, रिसर्च मैथ्डोलोजी, न्यू ऐज इंटरनेशनल पी लिमिटेड पब्लिशर्स


   1.   www.ama-assn.org/public/peer
   2.  www.impactinformation.com/impactionfor/readability
3.  www.nald.ca/full text/read ab.pdf 
4. www.timetable.com/readability html


2 comments:

  1. thia is very impartent sabject thanks many many . hett;// bhopal reporter.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete